ग्राउंड जीरो पर सीएम धामी! स्वाला भूस्खलन क्षेत्र पहुँचे मुख्यमंत्री, जनता को दी भरोसे की सौगात

चम्पावत। 15 अक्टूबर अपने कर्मठ नेतृत्व और जमीनी कार्यशैली के लिए पहचाने जाने वाले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक बार फिर जनता के बीच ग्राउंड जीरो पर उतरते नजर आए। चम्पावत-टनकपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्वाला के पास हो रहे भूस्खलन का जायज़ा लेने मुख्यमंत्री धामी अचानक मौके पर पहुँचे। उन्होंने स्थिति का स्थलीय निरीक्षण करते हुए अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री धामी का काफिला चम्पावत में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद सीधे स्वाला पहुँचा। जैसे ही उन्होंने देखा कि हाईवे पर लगातार पहाड़ी से मलबा गिर रहा है, उन्होंने मौके पर रुककर पूरे क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति का निरीक्षण किया।
सीएम धामी ने कहा कि “भूस्खलन रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा बजट स्वीकृत कर दिया गया है, और 2026 तक राष्ट्रीय राजमार्ग इकाई (एनएच) की ओर से इस समस्या का स्थायी समाधान कर लिया जाएगा।”
मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन, लोक निर्माण विभाग और एनएच-09 के अधिकारियों को निर्देश दिए कि यात्रियों और स्थानीय लोगों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखी जाए। उन्होंने यह भी कहा कि भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में अस्थायी वैकल्पिक मार्ग और सुरक्षा दीवारों के निर्माण का कार्य शीघ्र पूरा किया जाए।
इसके बाद मुख्यमंत्री धामी का काफिला अमोड़ी, चल्थी, सिंन्याड़ी, बस्तिया, टनकपुर और बनबसा की ओर रवाना हुआ। इस दौरान उन्होंने रास्ते में कई स्थानों पर रुककर जनता से भेंट की, उनकी समस्याएँ सुनीं और मौके पर अधिकारियों को समाधान के निर्देश दिए।
जनता के मुख्यमंत्री, जमीनी स्तर पर कार्य की मिसाल
सीएम धामी का यह दौरा एक बार फिर यह साबित करता है कि वे केवल दफ्तर में बैठकर निर्णय लेने वाले नेता नहीं, बल्कि जमीन पर उतरकर जनता के सुख-दुख में साथ निभाने वाले कर्मयोगी मुख्यमंत्री हैं।
बाइट — पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड:
“स्वाला क्षेत्र में भूस्खलन की समस्या को स्थायी रूप से हल करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर काम कर रही हैं। हमारा लक्ष्य 2026 तक इस मार्ग को पूरी तरह सुरक्षित बनाना है, ताकि यात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।”
निष्कर्ष:
भूस्खलन क्षेत्र में मुख्यमंत्री की मौजूदगी ने न केवल प्रशासन को सक्रिय किया, बल्कि जनता के दिलों में भी भरोसे की नई किरण जगाई है। चम्पावत से लेकर टनकपुर तक के इस दौरे ने यह संदेश दिया है कि मुख्यमंत्री धामी सिर्फ वादे नहीं करते, बल्कि उन्हें निभाने के लिए ग्राउंड जीरो तक पहुँचते हैं!

